Kavya Wadhwa
Exploring the realms of Nuclear and High Energy Physics
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Category Archives: Poem
The insomniac Night of 10th June
आगे निकलने की होड़ में इतना आगे निकल आया हूं की , लगने लगा है की रकीब दोस्त का मंज़र कितना खुशनुमा था , सोचा की जिंदगी में लम्हे आगे कितने हसीन होंगे, फिर चला इस कदर की वाक़ई हसीन लम्हों से अलविदा हो चला, सोचा था सब कुछ थमेगा एक मोड़ पर आकर ,…